कोकोपीट में गुलाब उगाने की संपूर्ण गाइड

कोकोपीट में गुलाब उगाने का सही तरीका

अगर आप कोकोपीट में गुलाब उगाना चाहते हैं, तो आपको इसकी सही विधि और देखभाल के बारे में जानना जरूरी है। कोकोपीट नारियल की छाल से बनता है और यह पौधों के लिए एक बेहतरीन माध्यम है। गुलाब के पौधे को कोकोपीट में लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चरणों का पालन करना आवश्यक है।

गुलाब के पौधे की जड़ों से मिट्टी हटाना

1. गुलाब के पौधे को पैकेट से निकालकर 1-2 घंटे के लिए पानी से भरी बाल्टी में डुबोकर रखें।
2. इसके बाद, हल्के हाथों से जड़ों से मिट्टी हटा दें। ध्यान दें कि जड़ों को कोई नुकसान न हो।
3. सभी पत्तियां, फूल और कलियां काटकर हटा दें।

फंगीसाइड ट्रीटमेंट

1. पौधे को लगभग 30 मिनट तक किसी अच्छे फंगीसाइड (जैसे रिडोमिल गोल्ड या साफ) के घोल में डुबोकर रखें।
2. फंगीसाइड का डोज: 1 ग्राम/लीटर पानी।
3. यह प्रक्रिया पौधे में मौजूद फंगस को समाप्त करने में मदद करती है।

पॉट का चयन और कोकोपीट का उपयोग

1. 5-6 इंच के पॉट का उपयोग करें, मिट्टी के पॉट को प्राथमिकता दें।
2. यदि प्लास्टिक पॉट उपयोग कर रहे हैं, तो काले रंग के नर्सरी पॉट का चयन करें, जिससे पानी की निकासी सही बनी रहे।
3. पॉट में थोड़ा कोकोपीट डालें और पौधे को बीच में रखें। फिर आवश्यकता अनुसार पॉट भरें।
5. फंगीसाइड के घोल में डूबे पानी को पॉट में डाल दें।

पानी देने के सही नियम

1.10 दिनों तक पानी केवल आवश्यकता अनुसार दें।
2. हमेशा पौधे को खुली जगह में रखें, जिससे पर्याप्त धूप और हवा मिले।
3. 8-10 दिनों में नई कोपलें आने लगेंगी।

सही पोषण (फर्टिलाइजर)

  1. NPK 12:61:00 का घोल (1 ग्राम/लीटर पानी) बनाकर 100ml प्रति पॉट दें।
  2. इस प्रक्रिया को एक महीने तक जारी रखें।

कोकोपीट उपयोग करने के महत्वपूर्ण सुझाव

1.डी-कंपोस्टेड कोकोपीट ही उपयोग करें, जो काले रंग का हो। इसे कम से कम 6 महीने तक रखा जाना चाहिए।
2. गुलाब को कम से कम 6 घंटे की डायरेक्ट धूप मिलनी चाहिए।
3. हवा का प्रवाह अच्छा होना चाहिए।
4. पानी सही मात्रा में दें, ज्यादा पानी देने से पौधा खराब हो सकता है।
5. कीट प्रबंधन के लिए नियमित रूप से Insecticide/Pesticide का उपयोग करें।

मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स: कोकोपीट के फायदे

  1. हल्का वजन – आसानी से उठाया जा सकता है और टेरेस गार्डन के लिए बढ़िया विकल्प।
  2. बेहतर वायु प्रवाह – जड़ों के आसपास अच्छी हवा पहुंचने से सड़न और गलन से बचाव।
  3. नमी बनाए रखना – पौधे की जरूरत के हिसाब से नमी बनाए रखता है।
  4. पोषक तत्व बनाए रखना – अतिरिक्त पोषक तत्वों को बाहर निकालता है।
  5. कीट सुरक्षा – मिट्टी में पनपने वाले कीटों से बचाव करता है।
  6. बीमारी की रोकथाम – pH न्यूट्रल होने के कारण बैक्टीरिया और हानिकारक तत्वों से बचाता है।

निष्कर्ष

कोकोपीट में गुलाब उगाने की यह विधि आसान और प्रभावी है। सही मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स, धूप, पानी प्रबंधन और पोषण के जरिए आप स्वस्थ और सुंदर गुलाब उगा सकते हैं। उम्मीद है कि यह गाइड आपके बागवानी के सफर में मदद करेगी।

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कोकोपीट में गुलाब उगाने से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

उत्तर: कोकोपीट नारियल की भूसी से बना एक जैविक पदार्थ है, जो मिट्टी रहित माध्यम के रूप में कार्य करता है। यह नमी बनाए रखता है, हवा का अच्छा प्रवाह देता है और पौधों की जड़ों के विकास में मदद करता है।

उत्तर: पौधे की जड़ों से मिट्टी हटाकर उसे फंगीसाइड (रिडोमिल गोल्ड/साफ) के घोल में 30 मिनट तक डुबोकर संक्रमण रहित करें।

उत्तर: 5-6 इंच के मिट्टी या नर्सरी प्लास्टिक पॉट का उपयोग करें, जिससे पानी की निकासी अच्छी हो और पौधा स्वस्थ बना रहे।

उत्तर: पानी तभी दें जब जरूरत हो। ज्यादा पानी देने से जड़ सड़ सकती है। आमतौर पर 10 दिनों तक हल्का पानी देना पर्याप्त होता है।

उत्तर: कम से कम 6 घंटे की प्रत्यक्ष धूप आवश्यक होती है ताकि पौधे की वृद्धि सही तरीके से हो।

उत्तर: 8-10 दिन बाद NPK 12:61:00 का 1gm/Ltr घोल बनाकर हर पौधे में 100ml दें और इसे एक महीने तक जारी रखें।

उत्तर: कोकोपीट को तुरंत उपयोग नहीं करना चाहिए। इसे 6 महीने तक डीकंपोस्ट होने दें, ताकि यह पौधों के लिए अधिक लाभकारी हो।

उत्तर: सही देखभाल न करने पर फंगल इंफेक्शन और कीटों का खतरा रहता है। नियमित रूप से Insecticide/Pesticide का उपयोग करने से पौधा सुरक्षित रहता है।

उत्तर: कोकोपीट का उपयोग टमाटर, मिर्च, तुलसी, धनिया, एरोका, मनी प्लांट और अन्य सजावटी पौधों के लिए भी किया जा सकता है।

उत्तर: कोकोपीट हल्का होता है, पानी को अधिक समय तक बनाए रखता है, पोषक तत्वों को संतुलित करता है, और मिट्टी में होने वाले कीटों और बीमारियों से बचाव करता है। कोकोपीट के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

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